गढ़वा: विभिन्न मांग को लेकर 108 एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मियों के तीसरे दिन हड़ताल पर चले जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई हैं। वहीं एंबुलेंस कर्मी अपने भविष्य निधि अंशदान की राशि को जमा करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही तीन माह का वेतन अविलंब देने की बात कर रहे हैं। जिसके कारण बहरागोड़ा हॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को महंगे भाड़ा देकर ऑटो एवं चार चक्का वाहन से इलाज के लिए आना पड़ रहा हैं। इधर कई मरीजों को रेफर करने के लिए निजी एंबुलेंस लेना पड़ रहा हैं।
गढ़वा जिला के एंबुलेंस चालक व ईएमटी
को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से भी कम वेतन दिया जाता हैं। वहीं वेतन नहीं मिलने से भुखमरी की समस्या आ गई हैं। जल्द से जल्द सभी कर्मियों को वेतन दिया जाए। खास कर जिला के ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की परेशानी ज्यादा हैं। इतना ही नहीं शहरी क्षेत्र के मरीजों को भी मुंहमांगी कीमत पर निजी एम्बुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा हैं।
चालकों की माने तो लगातार एजेंसी और सरकार के
माध्यम से अपने लंबित वेतनमान की मांग कर रहे थे। चालकों का यह कहना है कि वेतन नहीं मिलने से दुखी होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का यह फैसला लिया गया हैं। एंबुलेंस चालकों के हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीण इलाकों के गर्भवती महिलाएं एवं डेलिवरी मरीजों के साथ-साथ दुर्घटना के शिकार हुए मरीजों को बहुत परेशानी हो रही हैं। इसके अलावा इन सब में इमरजेंसी सेवा
सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। सूत्र के मुताबिक दिया जाने वाला वेतन के संबंध में वार्ता अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा।
गढ़वा जिला के 109 कर्मचारी एजेंसी से जुड़े
राज्य में इस एजेंसी से करीब 109 कर्मचारी जुड़े हुए हैं। सोमवार को ही एजेंसी से जुड़े कर्मचारियों ने काम प्रभावित करना शुरू कर दिया था। लेकिन इसका असर मंगलवार से पड़ने लगा।
गढ़वा में 27 एंबुलेंस का परिचालन पूरी तरह ठप
रांची में 108 सेवा के तहत कुल 27 एंबुलेंस का परिचालन किया जा रहा है। इसमें से अधिकांश एंबुलेंस पूरी तरह से बंद हैं। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाकों में हो रही है।आवश्यकता पड़ने पर जब मरीज या उनके परिजन फोन कर रहे हैं। तो उनको कोई उत्तर नहीं मिल रहा है।
निजी वाहन का सहारा लेकर पहुंचा मरीज
कीटनाशक खाने से बीमार कांडी थाना क्षेत्र के चौका गांव निवासी एक युवती के परिजनों ने जब 108 पर फोन किया, तो उनको पहली बार किसी फोन का उत्तर नहीं मिला। युवती को जब दिक्कत शुरू हो गयी। तो परिजन लगातार फोन करने लगे. इसके बाद किसी तरह फोन उठा कर काम ठप होने की जानकारी दी गयी। इसके बाद परिजन निजी वाहन का सहारा लेकर अस्पताल पहुंचे।